परिमेय संख्या किसे कहते है । परिमेय संख्या क्या होती है ।
ऐसी संख्या परिमेय संख्या कहलाती है जिसे के रूप मे लिखा जा सकता हो जहां p और q पूर्णांक है तथा q=0 (नही हो) तथा p को q से विभाजित करने पर भाग पूरा - पूरा जाता है अथवा दशमलव प्राप्त होता है। परिमेय संख्याओं में प्राकृत संख्या , पूर्ण संख्याओं और पूर्णांक संख्याओं का समावेश होता है ।आइए परिमेय संख्या के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी लेते है-
यहां हम प्राकृत संख्याओं की शुरुआत से परिमेय संख्या तक अध्ययन करेंगे । यहां हम इनकी पुनरावर्ती संख्या रेखा पर दर्शा सकते है जैसा कि नीचे फ़ोटो में दिखाया गया है।
परिमेय संख्या की प्राप्ति -
जैसा कि हमने यहां देखा कि संख्या रेखा दोनों तरफ अपरिमित रूप से बढ़ती है। लेकिन यहाँ हम -1,0,0,1 इत्यादि के बीच भी संख्या पाते है। दो परिमेय संख्या के बीच में परिमेय संख्या ज्ञात करने के लिए माध्य की अवधारणा का उपयोग कर सकते है। दो परिमेय संख्याओं के मध्य अपरिमित संख्याएं होती है ।
◆ समय के साथ साथ संख्याओं का विकास हुआ। सर्वप्रथम प्राकृत संख्या का प्रचलन हुआ । प्राकृत संख्याओं का योग व दो प्राकृत संख्याओं का गुणा भी प्राकृत संख्या होती है। जिन्हें हम N से प्रकट करते है।
जैसे - N = 1,2,3,4,........
मान लीजिए यदि कोई समीकरण -
x + 7 = 7
का हल किया जाए तो x का मान शून्य होगा । अतः हम इस समीकरण का प्राकृत संख्या से हल प्राप्त नही कर सकते इसलिए प्राकृत संख्या के समूह में शून्य को सम्मिलित कर पूर्ण संख्या नया नाम दिया जिसे हम W से प्रदर्शित करते है ।
जैसे - W = 0,1,2,3,.......
यदि समीकरण x + 15 = 6 का हल लिया जाये और x का मान ज्ञात करें तो हमें x = -9 संख्या की आवश्यकता होती है तो पूर्ण संख्या में नही है । संख्या रेखा के बाई और चलने पर हम ऋणात्मक संख्या का समूह प्राप्त होगा जो पूर्णांकों (धनात्मक या ऋणात्मक) को दर्शाता है जिसे हम Z से निरूपित करते है
जैसे Z = -3, -2, -1, 0, 1, 2, 3,.........
अब हम देखते है कि दो पूर्णांकों के मध्य कुछ संख्या प्रतीत होती है जो किसी पूर्णांक को पूर्णांक से भाग देने पर प्राप्त होती है । जैसे 1/2, 1/4, 1/3, 2/5,...... संख्याएं प्राप्त होती है। इन संख्याओं को परिमेय संख्या(Rational number) कहते है और इसे Q द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
NOTE :-
1. किसी भी प्रकार की दो संख्याओं के बीच में अनन्त परिमेय संख्याएँ होती है ।
2. परिमेय संख्याओं को Q से प्रदर्शित किया जाता है।
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