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[1] माइक्रोसॉफ़्ट एक्सेल (Microsoft Excel):-
                                                  यह एक पावरफुल स्प्रेडशीट प्रोग्राम है , जो आपके डाटा को व्यवस्थित करने , कैलकुलेशन पूरी करने , निर्णय तक पहुँचने , ग्राफ , डाटा प्रोफ़ेशन दिखाने वाली रिपोर्ट तैयार करने , व्यवस्थित डाटा को वेब पर पब्लिश करने तथा रियल टाइम डाटा को एक्सेस करने की सुविधा देता है ।
     इसमे एक इलेक्ट्रॉनिक स्प्रेडशीट होती है , जिसका प्रयोग एकाउंटिंग उद्देश्य के लिए , गणितीय कार्यो में , बजट बनाने तथा बिल बनाने में करते है । इसे वर्कशीट (Worksheet) भी कहते है ।
       MS- Excel में स्प्रेडशीट या वर्कशीट बहुत से खानों या सेलों (Cells) का एक समूह होता है , जिन्हें पंक्तियों (Rows) तथा कॉलमों (Columns) में व्यवस्थित किया जाता है ।
    इसे डाटाबेस की तरह प्रयोग कर सकते है , जो सम्बंधित डाटा को स्टोर करता है। इसके द्वारा किसी विशेष डाटा को एक पैटर्न के आधार पर ढूँढा जा सकता है ।



[1.1] माइक्रोसॉफ़्ट एक्सेल को प्रारम्भ करना (Starting Microsoft Excel) :-
                      Microsoft Excel खोलने या प्रारम्भ करने की दो विधियाँ है -
(i) Start बटन पर क्लिक करने के बाद Run पर क्लिक करें । क्लिक करने के बाद Run विण्डो में Excel टाइप करके Enter कुंजी दबाने से MS-Excel की विण्डो खुल जाती है ।
(ii) Start बटन  - All Programs - Microsoft Office - Microsoft Office Excel 2007




[1.2] माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल के अवयव (Components ऑफ Microsoft Excel) :-
              माइक्रोसॉफ़्ट एक्सेल के अवयव निम्न है-

टाइटल बार (Title Bar):- यह MS-Excel की विण्डो में सबसे ऊपर एक रिबन (पट्टी) होती है , जो फ़ाइल के नाम तथा जिस सॉफ्टवेयर में फ़ाइल खुली है , उस सॉफ्टवेयर का नाम दिखाती है ।

रिबन (Ribbon) :- यह स्क्रीन के टाइटल बार के नीचे एक पट्टी होती है । रिबन में किसी कार्य को करने के लिए आदेशों का एक पैनल होता है ।

टैब (Tab) :- MS-Excel में टाइटल बार के नीचे , मेन्यू बार होता है । इस मेन्यू बार मे लगे हुए बटन को टैब कहते है । इनकी कमांड्स निम्नलिखित है -


स्टेटस बार (Status Bar) :- विंडो टास्क बार के ठीक ऊपर और स्क्रीन के बॉटम में जो बार होती है , उसे स्टेटस बार (Status Bar) कहते है । जो वर्कशीट करण्ट टाइम में खुली रहती है उसकी सूचना दिखाता है ; जैसे - पेज नम्बर , व्यू शॉर्टकट , ज़ूम स्लाइडर आदि ।


फॉर्मूला बार (Fourmula Bar) :- फॉर्मूला बार रिबन के नीचे होता है । इसके दो भाग होते है -
(i) नेम बॉक्स (Name Box)   जो किसी सेल के रेफरेंस को दिखाता है ।
(ii) फॉर्मूला (Fourmula) जिसमे कुछ टाइप करते है । इसमे पहले से परिभाषित फॉर्मूला होता है , जिसका प्रयोग कैलकुलेशन में किया जाता है तथा एक्टिव सेल के कण्टेन्टस भी इसी डिस्प्ले में होते है ।





[1.3]  स्प्रेडशीट से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य (Important Facts Related to Spreadsheet) :-
      MS-Excel में स्प्रेडशीट बनाये जाते है , जिसमे डाटा को टाइप किया जाता है । MS- Excel से सम्बंधित कुछ मुख्य तथ्य (Facts) निम्नलिखित है -

(i) स्प्रेडशीट एक सॉफ्टवेयर टूल होता है , जिसका प्रयोग संख्याओं के समूह को एंटर (Enter), कैलकुलेट, मैनिपुलेट  और एनालाइज (Analyse) करने के लिए होता है ।

(ii) इसमे पंक्तियों और कॉलमों के प्रतिच्छेदन (Intersection) से बहुत सारे सेल्स (Cells) बनते है । सेल एक प्रकार का कंटेनर होता है , को संख्याओं (Numbers), सूत्रों (Formulae) और टेक्स्ट (लेबल्स) को होल्ड (Hold) करता है। सेल एड्रेस , पंक्तियों और कॉलमों के अक्षर और संख्याओ के प्रतिच्छेदन को दर्शाता है ; जैसे -C5 का अर्थ कॉलम C और रॉ 5 है । पंक्तियों की पहचान संख्याएँ 1,2,3,........आदि से होती है , तथा कॉलमों की पहचान अक्षरों के समूह A, B, C,.........AA, AB,...........ZZ आदि से होती है ।


(iii) सेलों के समूह को शीट या वर्कशीट (Worksheet) कहते है । वर्कशीट के अंदर सारणी में सूचनाएं - पंक्तियों और कॉलमों में प्रदर्शित होती है । वर्कबुक एक डॉक्यूमेंट होता है , जिसमे एक या एक से अधिक वर्कशीट होती है ।

(iv) सेल प्वॉइंटर एक सेल की बाउंड्री होती है , जो ये बनाती है कि करण्ट टाइम में कौन सा सेल एक्टिव है । फार्मूला (Formula) एक समीकरण (Equation) होता है , जिसका प्रयोग किसी सेल की वैल्यू को कैलकुलेट करने के लिए करते है । कोई भी फार्मूला =के बाद लिखते है ।



[1.4] वर्कशीट खोलना (Opening Worksheet):-
                          साधारणतः स्प्रेडशीट विण्डो में एक खाली वर्कशीट स्वतः ही खुल जाती है और एक स्प्रेडशीट में Sheet1 , Sheet2 , Sheet3 नाम की तीन वर्कशीट जुड़ी होती है । यदि यूजर चाहे तो किसी वर्कबुक में नई वर्कशीट भी जोड़ सकता है । इसके लिए शीट टैब पर जाकर Sheet 3 के दाईं ओर स्थित बटन पर क्लिक करने पर नई शीट खुल जाती है अथवा इसके लिए शॉर्टकट कुंजी Shift+F11 का भी उपयोग किया जा सकता है ।



[1.5] सेल्स की एड्रेसिंग करना (Addresing of Cells):-
                       स्प्रेडशीट के वर्कशीट एरिया में कई क्षेतिज पंक्तियों एवं ऊर्ध्वाधर कॉलम होते हैं । पंक्तियों  की उनके बाएँ पड़ी हुई संख्याओं 1,2,3,..........आदि से तथा कॉलमों को उनके ऊपर लिखे हुए अक्षरों A, B, C,...........आदि से पहचानते है ।
         किसी सेल को उसकी पंक्ति संख्या और कॉलम नाम के जोड़े से पहचाना जाता है , जिसे सेल का पता (Address) कहा जाता है । सेल के पते को नेम बॉक्स में दिखाया जाता है , उदाहरण के लिए , कॉलम B तथा पंक्ति 10 के कटान से बने सेल का एड्रेस B10 होगा । MS-Excel में फॉर्मूले लिखते समय अधिकांश एक सेल (Cell) या सेलों  की रेंज को संदर्भित किया जाता है । सेल संदर्भ तीन प्रकार के होते है -

1. निरपेक्ष सेल सन्दर्भ -  निरपेक्ष सेल संदर्भों में किसी सेल एड्रेस में पंक्ति संख्या और कॉलम नाम से पहले एक डॉलर चिन्ह लगाया जाता है ; जैसे - $B$3, ऐसे संदर्भ को कहीं नकल करते समय वह बदलता नही है ।

2. सापेक्ष सेल संदर्भ - सापेक्ष सेल संदर्भ में एड्रेस सीधे दिए जाते है अर्थात डॉलर चिन्ह का प्रयोग नही किया जाता है । जब ऐसे सेल संदर्भो को एक सेल से दूसरे सेल में नकल किया जाता है, तो वे संदर्भ अपनी नई सापेक्ष स्थिति के अनुसार बदल जाते है । जैसा कि निम्न चित्र में दर्शाया गया है -


3. मिश्रित सेल सन्दर्भ - मिश्रित सेल संदर्भ में या तो केवल रॉ की संख्या या केवल कॉलम का नाम निरपेक्ष होता है । उदहारण के लिए , $B2 या B$2 ये दोनों मिश्रित सेल संदर्भ है , जब ऐसे संदर्भो को एक सेल से दूसरे सेल में नकल किया जाता है, तो उनका निरपेक्ष भाग तो वही रहता है, केवल सापेक्ष भाग संदर्भों की तरह बदल जाता है । 



[1.6] स्प्रेडशीट को सेव करना (Saving the Spreadsheet):
           जब वर्क शीट में कार्य पूरा हो जाता है, तो इसके बाद बाहर आए से पहले अपने कार्य को सेव करना आवश्यक होता है । इसके लिए निम्न विधि का अनुसरण किया जाता है - 

(i) Microsoft Office Button  - Save  पर जाकर क्लिक करने पर Save As डॉयलोग बॉक्स निम्न चित्र की भांति प्रदर्शित होगा । 

 (ii) इस डॉयलॉग बॉक्स में Save in लिस्ट बॉक्स में उस फोल्डर का नाम चुना जाता है , जिसमे उस फ़ाइल को संग्रहित किया जाना है । 

(iii) File name बॉक्स में फ़ाइल का नाम लिखने के बाद Save बटन पर क्लिक करने पर फ़ाइल सेव हो जाती है । इसके अतिरिक्त यदि फ़ाइल को किसी अन्य नाम से संग्रहित करना हो तो Microsoft Office Button - Save As बटन को क्लिक करें , ऐसा करने से उपरोक्त डॉयलोग बॉक्स प्राप्त होगा व शेष प्रिक्रिया पहले की भाँति होगी । 

(iv) Close बटन पर क्लिक कीजिए । 



[1.7] वर्कशीट में टेक्स्ट , नम्बर्स और डेट्स एंटर करना (Entering Text , Numbers and Dates in Worksheet):- 
वर्कशीट में टेक्स्ट , नम्बर्स और डेट्स को निम्नलिखित प्रकार से Enter किया जाता है । 

टेक्स्ट एंटर तथा एडिट करना :- किसी सेल में रखें गए टेक्स्ट डाटा को प्रायः लेबल (Label) कहा जाता है । यह प्रायः अन्य सेलों में भरे गए डाटा को पहचानने के काम आता है ; जैसे - किसी कॉलम का शीर्षक । किसी सेल में टेक्स्ट भरने के लिए निम्न पदों का अनुसरण किया जाता है । 
(i) उस सेल पर प्वॉइंटर ले जाकर क्लिक कीजिए । 

(ii) अब यूजर टेक्स्ट टाइप कर सकता है । टाइप करते समय फार्मूला बार मे बाईं ओर तीन नए बटन दिखाई देते है , पहले पर कटाव चिन्ह (x), दूसरे पर सही का चिन्ह (√) तथा तीसरे पर fx छपा होता है । टाइप समाप्ति पर Enter या (√) चिन्ह को दबाने से डाटा सेल में स्थायी हो जाता है । किसी भी सेल में यूजर अधिकतम 255 चिह्नों का टेक्स्ट टाइप कर सकता है । इसके अतिरिक्त यदि यूजर किसी कारणवश उस सेल में टेक्स्ट टाइप करते- करते रुकना चाहता हो अर्थात उसमे कुछ न भरना चाहता हो , तो Esc कुंजी दबाने पर या फार्मूला बार मे Cancel बटन (x) को क्लिक करने पर डाटा खत्म हो जाता है ।
इससे सेल में टाइप किया गया नया डाटा रदद् हो जाएगा और उसका पुराना डाटा (यदि कोई हो) बना रहेगा । किसी सेल में डाटा टाइप करते समय हुई गलती को सुधारने के लिए Backspace कुंजी का प्रयोग किया जाता है व प्रविष्ट किये गए डाटा को एडिट (Edit) करने के लिए किसी सेल पर माउस प्वॉइंटर से क्लिक करके या की-बोर्ड से चुनकर फार्मूला बार मे डाटा को एडिट कर सकते है ।


नम्बर्स एंटर करना :- स्प्रेडशीट के सेलों में प्रविष्ट किये गए किसी नंबर को वैल्यू (Value) कहा जाता है । किसी सेल में कोई वैल्यू रखने के लिए पहले उस सेल को सक्रिय किया जाता है और फिर नम्बर टाइप किये जाते है । ऋणात्मक अंको को दर्शाने के लिए संख्या के आगे (-) चिन्ह लगाते है । नम्बर्स को वैज्ञानिक रूप में भी अभिव्यक्त किया जा सकता है जैसे कि 12345 के स्थान पर 1.2345 E+4 को लिखना । डॉलर चिन्ह ($) , कॉमा ,या प्रतिशत चिन्ह (%) देने पर स्प्रेडशीट उस नम्बर का फॉर्मेट स्वतः ही बदल देता है । 

नम्बर्स को फॉर्मेट करना :- स्प्रेडशीट में किसी भी सेल को नंबर प्रविष्ट करने से पहले या बाद में कभी भी फॉर्मेट कर सकते है , जब यूजर किसी नई वर्कशीट को खोलता है , तो उसके सभी सेल सामान्य श्रेणी में फॉर्मेट किये जाते है । किसी सेल या रेंज के फॉर्मेट बदलने के लिए निम्न चरणों का अनुसरण करें - 
(i) सेल या रेंज को सिलेक्ट कीजिये । 
(ii) Home टैब - Cells ग्रुप -Format ड्राप डाउन लिस्ट  - Format Cells ऑप्शन पर क्लिक करें । 
Format Cells डॉयलोग बॉक्स निम्न चित्र की भाँति प्रस्तुत होगा - 

(iii) इस डॉयलोग बॉक्स की number टैब शीट से यूजर चुनी हुई रेंज को जिस श्रेणी के लिए फॉर्मेट करना चाहता है , उसे चुनकर Decimal places स्पिन बॉक्स में दशमलव बिन्दु के बाद के स्थान भी तय करके OK बटन को क्लिक करें । 
     उपरोक्त प्रक्रिया से सेल में रखे हुए नंबर के मान पर कोई प्रभाव नही पड़ता है । केवल उस नंबर को प्रदर्शित करने वाले स्टाइल पर प्रभाव पड़ता है । 
   इसके अतिरिक्त , किसी सेल या रेंज में दिखाई पड़ने वाले दशमलव के नंबर को बढ़ाने तथा घटाने के लिए फॉर्मेटिंग टूलबार के क्रमशः Increase Decimal तथा Decrease Decimal बटनों का भी प्रयोग किया जा सकता है । प्रत्येक बार इन बटनों को क्लिक करने पर चुनी हुई रेंज के सभी सेलों में दशमलव या तो एक स्थान बढ़ जाता है या घट जाता है । 


डेट तथा टाइम एन्टर करना :- वास्तविक डेट या टाइम देखने के लिए यूजर को सेल डेट या टाइम फॉर्मेट में फॉर्मेट करना पड़ता है , इसके लिए प्रिक्रिया निम्नलिखित है - 
(i) Format Cells डॉयलोग बॉक्स खोले । 
(ii) प्राप्त डॉयलोग बॉक्स में Number टैब शीट में Date या Time कैटेगरी को चुनकर उचित फॉर्मेट को चुना जाता है । इसे एक बार फॉर्मेट करने के बाद यूजर उस सेल में दिनांक को सामान्य रूप से भर सकता है , यदि डेट/टाइम फॉर्मेट नही किया हुआ होता , तो स्प्रेडशीट उसे mm/dd/yy फॉर्मेट में समझ लेता है । 



[1.8] टेक्स्ट , नम्बर और डाटा सिरीज बनाना (Creating Text, Number and Data Series):- 
इस प्रिक्रिया को सम्पन्न करने के लिए निम्नलिखित पद है - 
(i) किसी भी सेल विशेष को क्लिक करके उसे सक्रिय कीजिए । 
(ii) माउस प्वॉइंटर को इस सेल के फिल हैंडल , जोकि उस सेल के दाएं निचले कोने पर बना हुआ चोकोर बिंदु + होता है , उस पर लाइये , जिससे वह काले रंग में बदल जाएगा ।

(iii) बाएँ माउस बटन को दबाए रखकर फिल हैंडल को नीचे की ओर इच्छित सेल तक लाइए । 
(iv) इसके बाद माउस बटन को छोड़ दीजिए । 
   ऐसा करने से सबसे पहले सेल की वैल्यू अंतिम सेल तक कॉपी हो जाएगी । इस प्रिक्रिया को ओटोफिल (Outofill) भी कहते है । इस सुविधा का उपयोग सामान्यता किसी रेंज में नम्बर्स की सिरीज़ जैसे बढ़ती हुई क्रम संख्याएँ प्रविष्ट करने के लिए किया जाता है । उस स्थिति में फ़िल हैंडल को खींचते ओर माउस बटन को छोड़ते समय कंट्रोल कुंजी को दबाए रखा जाता है ।

[1.9] वर्कशीट के डाटा की एडिटिंग करना (Editing the Data of Worksheet):-
    एक सेल एन्ट्री को एडिट करते समय सेल के टेक्स्ट एवं फॉर्मूला को वर्कशीट के डाटा में एडिट करने की निम्नलिखित प्रक्रियाएं है-


कार्यों को उलटना तथा दोहराना :-  स्प्रेडशीट में कार्य को उलटने व दोहराने के लिए Edit मेन्यू से Undo व Repeat कमाण्ड का प्रयोग किया जाता है   एक्सेल 2007 में ये दोनों कमाण्ड्स Quick Access Toolbar में पाई जाती है । सामान्यतः यूजर जब भी कोई कार्य करता है, तो ये दोनों बटन सक्रिय हो जाते है ।
   प्रारम्भ से दूसरे स्थान पर Repeat आदेश देता है , पहला आदेश देने के बाद यदि यूजर किसी को उलटना चाहता है , तो उस स्थिति में आखिरी क्रिया उलट दी जाएगी व Edit मेन्यू में दूसरे स्थान पर Redo कमाण्ड आ जाती है।  


सेलों को कॉपी करना :-  स्प्रेडशीट में इस प्रक्रिया को निम्न उदहारण द्वारा समझा जा सकता है - 
(i) सबसे पहले इस विधि के अन्तर्गत B2:D4 रेंज को चुने । 
(ii) इस रेंज की नकल बनाने के लिए Home टैब - Clipboard ग्रुप - Copy या कन्टेक्सट मेन्यू से Copy बटन को क्लिक करें या Ctrl+C कुंजी को एक साथ दबाएं। ऐसा करने से उस रेंज के चारों ओर टूटी हुई लाइनों का घेरा बन जाता है । 
(iii) अब माउस प्वॉइंटर को सेल A7 में ले जाकर क्लिक कीजिये , जिससे वह सक्रिय हो जाएगा । 
(iv) कॉपी किए हुए डाटा रेंज को सक्रिय सेल में पेस्ट करने के लिए या तो Clipboard ग्रुप से Paste आदेश दीजिये या कन्टेक्सट मेन्यू से Paste बटन क्लिक कीजिए । 

ऐसा करते ही मैजिक वर्ग रेंज A7:C9 में भी दिखाई देने लगेगा , जैसा कि निम्न चित्र में दिखाया गया है - 





सेलों में डाटा को मूव करना :-  इसे निम्न कार्य विधि द्वारा बेहतर समझा जा सकता है - 
(i) सबसे पहले वर्कशीट में से B2:D4 रेंज में मैजिक वर्ग (Magic Square) को चुन लीजिये । 

(ii) Clipboard ग्रुप से Cut आदेश दीजिये या कन्टेक्सट मेन्यू में Cut बटन को क्लिक कीजिए । इससे उस रेंज के चारों ओर टूटी हुई लाइनों का घेरा बन जायेगा । 
(iii) सेल C6 पर क्लिक कीजिए , जिससे वह सक्रिय हो जाएगा ।
(iv) अब Clipboard ग्रुप से Paste बटन पर क्लिक करें या Ctrl+V कुंजी को एक साथ दबाएँ या कन्टेक्सट मेन्यू में Paste ऑप्शन पर क्लिक कीजिए । इससे चुनी हुई रेंज में रखा हुआ मैजिक वर्ग अपने स्थान से गायब हो जाएगा और रेंज C6:E8 में दिखाई देगा , जैसा कि निम्न चित्र में दिखाया गया है - 

सेलों के डाटा को मूव कराने के लिए यूजर माउस प्वॉइंटर द्वारा खींचने की क्रिया का भी उपयोग किया जा सकता है । इसके लिए पहले मूव किये जाने वाले सेलों को चुन लीजिये । अब उस रेंज की किसी सीमा रेखा को माउस प्वॉइंटर द्वारा पकड़कर मूव कीजिये । 
  इसके साथ साथ पूरी चुनी हुई रेंज भी मूव होती दिखाई देगी । इसे नए स्थान तक ले जाकर माउस बटन को छोड़ दीजिए । इससे वह डाटा नए स्थान पर आ जायेगा । यदि मूव की क्रिया करते समय यूजर कंट्रोल कुंजी को दबाए रखता है , तो मूव होने के बजाय कॉपी हो जाती है । 



वर्कशीट का कोई भाग क्लियर करना :-  वर्कशीट का कोई भाग क्लियर करने  का अर्थ है, उसमे भरे हुए डेटा को हटाना और फॉर्मेटिंग को भी समाप्त करना । इसके लिए निम्नलिखित क्रियाएँ कीजिये - 
(i) वर्कशीट के उस भाग (पंक्तियों , कॉलमों या सेलों) को चुना जाता है , जिसे यूजर साफ (Clear) करना चाहता है । 
(ii) Home टैब के Editing ग्रुप में Clear ड्राप डाउन लिस्ट पर माउस प्वॉइंटर ले जाइए । इससे वहाँ इसका सब - मेन्यू खुल जायेगा ।
(iii) इस लिस्ट में Clear Formats विकल्प को क्लिक करने से चुने हुए सेलों का केवल फॉर्मेट हट जाता है । यदि यूजर इसमे Clear Contents को क्लिक करता है , तो केवल डाटा हट जाता है । लेकिन यदि यूजर इसमे Clear All विकल्प को चुनते है , तो डाटा के साथ ही फॉर्मेट भी हट जाएगा । 
(iv) यदि यूजर किसी भाग का केवल डाटा हटाना चाहता है अथार्त फॉर्मेट को नही हटाना चाहता तो उस भाग को चुनकर कुंजी पटल (Keyboard) पर Del या Delete कुंजी दबाकर भी ऐसा कर सकता है । 


रॉ, कॉलम्स को इन्सर्ट करना :-  एक्सेल की वर्कशीट में भी बीच बीच मे कई प्रकार के सुधार करने पड़ते है ।  जैसे :- बीच मे अतिरिक्त कॉलम या पंक्तियाँ जोड़ना , सेलों को इधर उधर ले जाना या हटा देना आदि । 

यहाँ कुछ प्रमुख क्रियाओं की विधि बताई जा रही है - 
रॉ इन्सर्ट करना ;-   वर्कशीट में किसी स्थान पर एक या अधिक नई रॉज इन्सर्ट करने के लिए निम्नलिखित क्रियाएँ कीजिये - 
(i) जहां आप रॉज इंसेरर कराना चाहते है, वहां से प्रारम्भ करके उतनी ही रॉज चुन लीजिये । इसके लिए पहली पंक्ति के बॉक्स को क्लिक कीजिए और फिर उसे ड्रैग करके आवश्यक संख्या में रॉज चुन लीजिये । 
(ii) अब Home टैब से Cells ग्रुप में Insert ड्राप डाउन लिस्ट में Insert Sheet Rows पर क्लिक कीजिए। इससे उस स्थान पर उतनी ही खाली रॉज जोड़ दी जाएगी और उस बिंदु से आगे की सभी रॉज मे भरे डाटा को आगे अर्थात नीचे की ओर सरक (Shift) दिया जाएगा । 

कॉलम इन्सर्ट करना :-   रॉज कि तरह खाली कॉलम भी बीच मे कहीं भी इन्सर्ट किये जा सकते है म इसकी विधि निम्न प्रकार है -
(i) जहां कॉलम इन्सर्ट करने है, वहां से प्रारम्भ करके उतने ही कॉलम चुन लीजिये इसके लिए पहले कॉलम के लेबल बॉक्स को क्लिक कीजिए और फिर उसे ड्रैग करके आवश्यक संख्या में कॉलम चुन लीजिये ।
(ii) अब Home टैब से Cells ग्रुप में Insert ड्रॉप डाउन लिस्ट से Insert Sheet Columns आदेश दीजिये । इससे उस स्थान पर उतने ही खाली कॉलम में भरे डाटा को आगे अर्थात दायीं ओर सरका (Shift) दिया जाएगा । 


सेल इन्सर्ट करना :- किसी वर्कशीट के बीच मे एक या अधिक खाली सेल डालने के लिए निम्नलिखित क्रियाएँ कीजिए - 
(i) एक या अधिक सेलों की उस रेंज को चुनिए जहां नए सेल को इन्सर्ट करना है । अब Home टैब के Cells ग्रुप से Insert ड्राप डाउन लिस्ट से Insert Cells आदेश दीजिये । ऐसा करते ही दिए गए चित्र की तरह Insert डॉयलोग बॉक्स प्रदर्शित हो जाएगा । 


(ii) इस डायलोग बॉक्स में चार रेडियो बटन है, जिनका प्रभाव स्वयं स्पष्ट होता है । उनमें से किसी एक बटन को क्लिक करके सेट कीजिये । 
(iii) OK बटन को क्लिक कीजिए । इससे चुनी हुई रेंज को जगह खाली सेल आ जायेगी और उससे प्रभावित होने वाली सेले सेटिंग के अनुसार , वर्कशीट को व्यवस्थित कर देंगी । 



रॉज या कॉलम्स डिलीट करना :-   इन्सर्ट करने की तरह ही वर्कशीट का कोई भी भाग (पंक्ति , कॉलम या रेंज) उसमे से डिलीट किया जा सकता है । 
इसे करने के लिए निम्नलिखित प्रिक्रियायें है -
प्रथम विधि -  रॉज अथवा कॉलमों को निम्न प्रकार से  डिलीट किया जा सकता है
 (i) जिन रॉज या कॉलमों को यूजर डिलीट करना चाहता है, पहले उन्हें चुन लीजिये । 
(ii) अब कन्टेक्सट मेन्यू से Clear Contents आदेश दीजिये । इससे चुनी रॉज या कॉलम्स को डिलीट कर दिया जाएगा । 

द्वितीय विधि -   
(i) एक या अधिक सेलों को उस रेंज को चुनिए , जिन्हें यूजर डिलीट करना चाहता है।
(ii) अब माउस से Right क्लिक करके Delete चुने या Home टैब - Cells ग्रुप - Delete ड्राप डाउन लिस्ट  - Delete Cells ऑप्शन चुनें । 
(iii) ऐसा करते ही दिए गए चित्र की तरह Delete डॉयलोग बॉक्स प्रदर्शित होगा । इस डॉयलोग बॉक्स में कैसर रेडियो बटन है , जिनका प्रभाव स्वयं स्पष्ट है । उनमें से किसी एक बटन को क्लिक करके सेट कीजिये । 

(iv) OK बटन को क्लिक कीजिए । इससे चुनी हुई रेंज को डिलीट और उससे प्रभावित होने वाले सेलों की यूजर की सेटिंग के अनुसार , शिफ्ट कराके वर्कशीट को व्यवस्थित कर दिया जाएगा । 
   यदि यूजर ने वर्कशीट के किसी भाग (पंक्ति , कॉलम या रेंज) को गलती से डिलीट कर दिया है , तो तत्काल Undo आदेश देकर उन्हें वापस लाया जा सकता है। 


रॉ की हाइट बदलना :-  सेल की हाइट को भीपुरानी तकनीकों के माध्यम से बदला जाता है । जैसे ही यूजर माउस प्वॉइंटर को किसी रॉ संख्या के निचले किनारे पर लाता है , वह एक मोटी बड़ी रेखा में बदल जाता है , जिसके बीच मे ऊपर नीचे की ओर संकेत करता हुआ दोनो ओर के तीर का चिन्ह दिखाई देता है । इस चिन्ह को यूजर माउस से पकड़कर ऊपर नीचे कहीं भी सेट करके उस रॉ की ऊँचाई (Height)  बदल सकता है । 


अन्य विधि :-  रॉ की ऊँचाई Row Height डॉयलोग बॉक्स द्वारा भी बदली जा सकती है । इसके लिए निम्न पदों का प्रयोग करें - 
(i) इच्छित रॉ या रॉज को चुनकर Home टैब - Cells ग्रुप  - Format  ड्राप डाउन लिस्ट  -Row Height ऑप्शन को क्लिक करें । Row Height डॉयलोग बॉक्स प्रदर्शित होगा । 
(ii) इस डॉयलोग बॉक्स में प्वॉइंटों में Row Height को इन्सर्ट करे व OK बटन को दबाइए । इससे चुने हुए सेल की ऊंचाई सेट हो जाएगी । 


कॉलम की विड्थ बदलना  :-  वर्कशीट में किसी कॉलम की विड्थ को उसके डाटा के अनुसार , सेट करना पड़ता है यदि सेल में प्रविष्ट किया जाने वाला डाटा सेल की चौड़ाई से कम या ज्यादा हो तो सेल की विड्थ घटाने या बढ़ाने के लिए निम्न विधि का प्रयोग करतें है - 
(i) Home टैब  - Cells ग्रुप  Format ड्राप डाउन लिस्ट -Column Width को क्लिक कीजिए , जिससे Column Width डॉयलोग बॉक्स प्रदर्शित होगा । 
(ii) इसमे विड्थ को अंको में प्रविष्ट कराकर OK बटन को क्लिक कीजिए।  इससे चुने हुए कॉलमों की विड्थ उतनी ही सेट कर दी जाएगी । 



[1.10] फॉर्मूलों का प्रयोग (Using Formulae):- 
  स्प्रेडशीट में फॉर्मूलों का बहुत महत्व है, जब भी कोई गणना ;जैसे - किसी कॉलम के कुछ सेलों को जोड़ना , एक संख्या का दूसरे संख्या से गुणा  करना , किसी रेंज के डाटा का औसत निकालना आदि होती है , तो फॉर्मूलों का प्रयोग किया जाता है । 
   उदाहरण के लिए , यदि यूजर किसी सेल E5  में सेलों A5 , B5 , C5 तथा D5 का योग दिखाना चाहता है तो E5 सेल में फॉर्मूला =A5+B5+C5+D5  इस रूप में प्रविष्ट किया जाएगा , जैसा चित्र में दिखाया गया है - 


फॉर्मूला प्रविष्ट करने के बाद Enter कुंजी दबाइए । इस विधि में फार्मूला टाइप करते समय कोई स्पेस नही देना चाहिए । सामान्यतः किसी भी सेल का डाटा यूजर को नही दिखाई देता , केवल उसका परिणाम दिखाई देता है , परन्तु परिणाम वाले सेल को चुनने से फार्मूला बार मे सेल का डेटा प्रदर्शित हो जाता है , जहां से यूजर उसमे आवश्यकतानुसार फॉर्मूला परिवर्तन कर सकता है । 


फार्मूला ऑपरेटर  :-  फॉर्मूला बनाने में इच्छित गणना करने के लिए हम ऑपरेटरों का उपयोग करते है । कोई ऑपरेटर किसी पर की जाने वाली क्रिया को बताता है । उदाहरण के लिए , फार्मूला A5 + B4  में '+'  एक ऑपरेटर है, जो सेल्स A5 व B5 की संख्याओ को जोड़ने की क्रिया के लिए प्रयुक्त होगा । 
इनमे से कुछ निम्न प्रकार है - 
(i) अंकगणितीय ऑपरेटर (Arithmatic Operator):- इनका उपयोग गणितीय क्रियाओं के लिए किया जाता है । ये निम्न प्रकार है- 

+        जोड़ना (Addition)               
-          घटाना (Subtraction)           
x          गुणा करना (Multiplication)
/          भाग देना (Division)             
%        प्रतिशत (Percentage)            
^         घात (Exponentiation)         

कोई गणना करने के लिए इन ऑपरेटरों का प्रयोग फार्मूलों में सही स्थान पर किया जा सकता है । इनका प्रभाव अंकगणित के नियमों के अनुसार ही होता है । उदाहरण के लिए , फार्मूला  ='D4x10%'  द्वारा सेल D4 में रखी गयी संख्या का 10% ज्ञात किया जाएगा । इसी तरह फार्मूला  = 'C4^2' द्वारा सेल C4 की संख्या के वर्ग (Square) की गणना की जाएगी । इन ऑपरेटर के साथ कोष्ठकों '('तथा')' का प्रयोग करके यूजर अधिक जटिल इस मिश्रित फॉर्मूले भी बना सकते है, जैसे = C5 x (B4 + B5) - (C2 x 10%) 

(ii) तुलना ऑपरेटर (Comparison Operator):-   इनके द्वारा हम दो मानों (Values) की आपस मे तुलना करते है और उसके परिणाम के अनुसार कार्य करते है । ये ऑपरेटर निम्नलिखित हैं - 
=      बराबर (Equal to)                                       
>      बड़ा। (Greater than)                                
>=      बड़ा या बराबर (Greater than or equal to ) 
<       छोटा (Less than)                                       
<=       छोटा या बराबर (Less than or equal to)      
!=       बराबर नही (Not equal to)    

 इन ऑपरेटरों का प्रयोग सामान्यतः स्प्रेडशीट के तार्किक फलनों (Logical Functions) के साथ किया जाता है ।             
       
(iii) पाठ्य ऑपरेटर (Text Operator) :- स्प्रेडशीट में केवल एक ऐसा ऑपरेटर '&' (एम्परसेन्ट) है जिसका प्रयोग टेक्स्ट को जोड़ने में किया जाता है ।  उदाहरण के लिए , यदि सेल B4 में 'Aero' और सेल B5 में 'Plane' है, तो फार्मूला = B4 & B5 उनको मिलाकर पाठ्य 'Aeroplane' बनायेगा । 

(iv) सन्दर्भ ऑपरेटर (Reference Operator):- स्प्रेडशीट में सेलों का संदर्भ देने के लिए संदर्भ ऑपरेटरों का प्रयोग किया जाता है । सबसे अधिक प्रचलित ऑपरेटर ':' (कोलन) है । इसका प्रयोग किसी रेंज को बताने के लिए किया जाता है । उदाहरण के लिए , रेंज A4 : C8  का अर्थ है  - सेल A4 ,  सेल  C8 तथा इनके बीच आने वाले सभी सेल । 


फॉर्मूलों की गणना क्रम:- फॉर्मूलों से प्राप्त परिणाम , उसमे प्रयोग किए गए ऑपरेटरों की प्राथमिकता पर निर्भर करता है । ऑपरेटरों की प्राथमिकता का क्रम निम्न प्रकार है - 
:    रेंज सन्दर्भ (Range Reference)            
-     ऋणात्मक संख्या (Negative Number)
%       प्रतिशत (Percentage)                         
^      घातांकन (Exponentiation)                 
*      गुणा (Multiplication)                         
/         भाग (Division)                                  
+        जोड़ना (Addition)                              
-          घटाना (Subtraction)                           
&         पाठ्य का जोड़           
                               

= या <> या <= या >= या > या < तुलना (Comparison)
   समान प्राथमिकता के ऑपरेटरों की गणना बाई ओर से दायीं ओर की जाती है। यदि यूजर इस क्रम के अतिरिक्त किसी दूसरे कर्म में गणना करना चाहते है , तो उसके लिए उसे कोष्ठकों (Brackets) का प्रयोग करना चाहिए , यदि कई कोष्ठक हों तो सबसे भीतर वाले कोष्ठक की गणना पहले की जाती है । इससे गणित के साधारण नियमो का पालन किया जाता है । 




[1.11]  फंक्शन्स (Functions):- 
    MS-Excel में उपलब्ध functions ऐसी शक्तिशाली सुविधाएं है, जिनकी सहायता से आप जटिल से जटिल गणनाएँ कर सकते है । इसमें ऐसे सैकड़ों functions है  जिनकी सहायता से यूजर इंजीनियरिंग गणनाएँ , सांख्यिकीय गणनाएँ, वितीय गणनाएँ इत्यादि अनेक प्रकार की गणनाएँ  कर सकता है । फंक्शनों तथा ऑपरेटरों के साथ जटिल फॉर्मूले बंनाने में किया जा सकता है । 

फंक्शन में भाग :- किसी फंक्शन के प्रायः दो भाग होते है, जो निम्न प्रकार है- 
(i) फंक्शन नाम (Function Name)   यह स्प्रेडशीट का कोई विशेष शब्द होता है , जिससे फंक्शन को पहचाना जाता है । उदाहरण , = SQRT(25)  में  SQRT  फंक्शन का नाम है ।

(ii) आर्ग्युमेंट (Argument)   ये किसी मां या किसी सेल/ रेंज को संदर्भित करते है । उदाहरण ,  =SQRT(25) में 25 आर्ग्युमेंट है । 

फंक्शन की श्रेणियाँ :-   स्प्रेडशीट में वर्कशीट की संख्या अधिक होने के कारण सुविधा के लिए इन्हें निम्नलिखित नौ श्रेणियों में बांटा गया है- 
(i)  डाटाबेस   
(ii)   तारीख तथा समय 
(iii)  वितीय। 
(iv) सूचना ।
(v) तार्किक 
(vi) सन्दर्भ
(vii) गणित तथा त्रिकोणमिति 
(viii)  सांख्यकीय 
(ix) पाठ्य 

इनमे से प्रत्येक श्रेणी में बड़ी संख्या में उपयोगी फंक्शन उपलब्ध है ।  इनमे से कुछ महत्वपूर्ण फंक्शनों के नाम और उनके संक्षिप्त परिचय नीचे दिए गए है - 





[1.12]चार्ट्स (Charts):- 
  MS-Excel में किसी वर्कशीट के डाटा के ग्राफिकल (Graphical) एवं पिक्टोरियल (Pictorial) प्रेजेंटेशन (Presentation) के लिए चार्ट का प्रयोग करते है । एक्सेल चार्टों की यह विशेषता होती है कि जब भी यूजर उस डाटा में कोई परिवर्तन करते है , जिस पर चार्ट आधारित है , तो सम्बन्धित चार्ट में वह परिवर्तन तत्काल कर दिया जाता है या ऐसा करने के लिए पूछा जाता है ।  


चार्ट के प्रकार (Types of Charts):- चार्ट निम्न प्रकार के होते है - 
(i) एरिया चार्ट (Area Charts)  एरिया चार्ट भी लाइन चार्ट की भाँति होता है । अन्तर केवल यह है कि इनमें विभिन्न मानो को उन लाइनों के नीचे के क्षेत्र द्वारा दर्शाया जाता है । 

(ii) कॉलम चार्ट (Column Chart)  इसमे किसी मान को एक ऊर्ध्वाधर कॉलम (Vertical Column) के रूप में दर्शाया जाता है । इसमें विभिन्न डाटा श्रेणियों को X-अक्ष पर और उनके मानों को Y-अक्ष पर दर्शाया जाता है । 

(iii) बार चार्ट (Bar Chart)  बार चार्ट भी कॉलम चार्ट जैसा ही होता है । अन्तर केवल यह है कि इसमें विभिन्न डाटा श्रेणियों के मानो को क्षेतिज बारों (Horizontal Bars) द्वारा दर्शाया जाता है । 

(iv) लाइन चार्ट (Line Chart)  लाइन चार्ट में विभिन्न डाटा श्रेणियों के मानों को विभिन्न बिंदुओं द्वारा दर्शाया जाता है , जिन्हें सरल रेखाओं से जोड़ दिया जाता है। इस अन्तर के अतिरिक्त लाइन चार्ट कॉलम चार्टों की भांति ही होते है । 

(v) पाई चार्ट (Pie Chart)  इस प्रकार के चार्ट में केवल एक डाटा श्रेणी को दर्शाया जाता है । इसमें विभिन्न मानों को एक वृत के विभिन्न भागों या सेक्टरों (Sectors) द्वारा दर्शाया जाता है । प्रत्येक भाग का आकार , उसके मान के अनुपात में होता है । उस मान को भी उस भाग के पास ही प्रदर्शित किया जाता है । 

(vi) स्कैटर चार्ट (Scatter Chart) :- इसे XY चार्ट भी कहते है । स्कैटर चार्ट न्यूमेरिक वैल्यू ; जैसे - वैज्ञानिक , सांख्यिकीय और इंजीनियरिंग डाटा की तुलना तथा प्रदर्शन के लिए प्रयोग किया जाता है। 



चार्ट के तत्व (Elements of Charts)  
   चार्ट के प्रमुख तत्व निम्नलिखित हैं - 
(i)  चार्ट एरिया (Chart Area)   किसी चार्ट को बनाने में प्रयोग किया गया कुल क्षेत्र चार्ट एरिया होता है । 
(ii)  प्लॉट एरिया (Plot Area)  वह क्षेत्रफल जिसमे डाटा को चार्ट के रूप में प्रदर्शित करते है प्लाट एरिया कहलाता है । 
(iii) चार्ट शीर्षक (Plot Title) ये चार्ट और दोनों अक्षों (X और  y) के शीर्षक होते है । इसमें हमे पता चलता है कि चार्ट हमे क्या दिखाना चाहता है और उसमें अक्षों के मानो का क्या अर्थ है । 
(iv) अक्ष (Axes)  सामान्यतः किसी चार्ट में दो अक्ष होते है , जिन्हें क्रमशः X और Y अक्ष कहा जाता है। 
(a) X-अक्ष  क्षेतिज अक्ष होता है जिसे केटेगरी (Category) अक्ष भी कहते है । 
(ii) Y- अक्ष ऊर्ध्वाधर अक्ष होता है , जिसे वैल्यू (Value) अक्ष भी कहते है । 
(v) डाटा श्रेणियाँ (Data Series)   डाटा श्रेणियाँ उन सभी मानों की सूची है , जिनको हम चार्ट में दिखाना चाहते है । 
(vi) ग्रिड लाइनें (Grid lines)  ये कुछ बैकग्राउंड लाइनें होती है इनमे हमें प्रत्येक डाटा श्रेणी के मानों का स्तर पता चलता है । ग्रिड लाइनें दो प्रकार की होती है - मुख्य (Major) और गौण (Minor) । 
(vii) संकेत (Legends)  ये हमें चार्ट में उपयोग किये गए विभिन्न प्रकार के कॉलमों , रेखाओं , बिंदुओं और रंगों का अर्थ बताते है । 
(viii) डाटा लेबल (Data Label)  ये डाटा श्रेणी के वास्तविक मान होते है, जो चार्ट में उस मान को व्यक्त करने वाले कॉलम , रेखा या चिन्ह के पास ही दिखाए जाते है । 
(ix)  डाटा श्रेणी (Data Table)  यह एक साधारण सारणी होती है , जिसमे सभी डाटा श्रेणियों के मान दिखाए जाते है । यह सारणी चार्ट में किसी कोने पर दिखाई जा सकती है । 




[1.13]  स्प्रेडशीट को प्रिन्ट करना (Printing Spread sheet) :-  
स्प्रेडशीट को प्रिंट करने से पहले यूजर को कागज का आकार , प्रकार और मार्ज़िन इत्यादि को सेट कर लेना चाहिए । यह कार्य प्रायः Page Layout टैब द्वारा किया जाता है। 


स्प्रेडशीट में पेज सेट करने  
ये सेटिंग भी MS-Word की तरह ही Page Layout टैब से की जाती है । इस टैब में पांच अलग अलग ग्रुप्स होते है । इस ग्रुप में एक Page Setup ग्रुप होता है , जिसके द्वारा यूजर आसानी से पेज को सेट कर सकता है । ये सभी ग्रुप Page Setup डॉयलोग बॉक्स में एक साथ संलग्न होते है । 

Page Layout - Page Setup, ऐसा करने से Page Setup डॉयलोग बॉक्स निम्न चित्र की भाँति प्रदर्शित होगा । 

इस डॉयलोग बॉक्स में चार टैबशीट होती है, जिनमे पहली तीन टैबशीटों में क्रमशः Page, Margins व Header/Footer  की सूचनाएं दी जाती है । संलग्नित चित्र में Page टैबशीट दिखाई गई है । इस टैबशीट में पेपर का आकार और ओरिएंटेशन आदि सैट किये जाते है । इनके अतिरिक्त Scaling भाग में दो रेडियो बटन होते है । यूजर इनमे से पहले रेडियो बटन Adjust to......  को सेट करके और उसके स्पिन बॉक्स में प्रतिशत में स्केलिंग फैक्टर सेट करके सामग्री को प्रिंट कर सकते है । 100% स्केलिंग फैक्टर का अर्थ है समान आकार अर्थात जितना भी यूजर ने फॉर्मेट किया है । 

50% का अर्थ है , अर्द्धआकार में अर्थात छोटे अक्षर स्केलिंग प्रतिशत कम करने से एक पृष्ठ पर अधिक सामग्री प्रिंट की जा सकती है । पेज के हाशिए इस डॉयलोग बॉक्स की Margins टैबशीट से रिपोर्ट में प्रत्येक पेज के बीच, दाएँ, बाएँ ,ऊपर ,नीचे , हेडर तथा फुटर इत्यादि के मार्जिन्स को सेट किया जाता है । इसे निम्न चित्र द्वारा सरलता से समझा जा सकता है । सभी आवश्यक सेटिंग करने के बाद OK बटन को क्लिक करने पर यूजर द्वारा की गई सेटिंग्स लागू हो जाएगी । 



प्रिण्ट एरिया सेट करना 
    प्रिन्ट एरिया सेट करने के लिए निम्न पदों का अनुसरण किया जाता है - 
(i) Page Layout टैब - Page Setup ग्रुप - Print Aren ऑप्शन - Set Print Area ऑप्शन को चुने । इस विकल्प को चुनने से दो ऑप्शन प्रदर्शित होंगे । पहला Set Print Area तथा दूसरा Clear Print Area प्रिंट एरिया सेट करने के लिए एरिया सिलेक्ट करके Set Print Area क्लिक करें । इससे वह सिलेक्ट एरिया प्रिंटिंग के लिए सिलेक्ट हो जाएगा । 

(ii) यदि यूजर Print Area की सेटिंग्स को निरस्त करना चाहता है, तो Page Layout टैब  - Print Area ग्रुप  - Clear Print Area ऑप्शन को चुने । इससे पहले से सेट किया हुआ प्रिंट एरिया समाप्त हो जाएगा । 

वर्कशीट को प्रिण्ट करना 
   किसी भी वर्कशीट को प्रिण्ट करने के लिए निम्नलिखित प्रिक्रियांएँ है - 
(i) Microsoft Office Button - Print को चुनिए 
या Customize Quick Access टूलबार में Print बटन को क्लिक कीजिए 
या Ctrl+P संयोग कुंजी को दबाइए । 
   ऐसा करते ही Print डॉयलोग बॉक्स प्रस्तुत होगा । 
(ii) इस डॉयलोग बॉक्स में प्रिंटर तथा प्रतियों की संख्या आदि की आवश्यक सेटिंग करने के बाद OK बटन को क्लिक कीजिए, इससे प्रिंटिंग प्रारम्भ हो जाएगी । केवल चुने हुए भाग को ही प्रिन्ट करने के लिए Print range भाग में रेडियो बटन को सेट कर दीजिए व OK बटन को दबाइए । इसके अतिरिक्त यूजर वर्कशीट को प्रिंट करने से पहले Microsoft Office Button - Print Preview कमाण्ड से उसको स्क्रीन पर देखा जा सकता है। Print Preview में यूजर Setting , Margin आदि को सुधार सकते है । इस विंडो को बंद करने के लिए Close कमाण्ड बटन को क्लिक कीजिए । 


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