Skip to main content

राजस्थान में पशु सम्पदा । बकरी की नस्लें । बकरी की नस्लों के प्रकार । types of goat ।


पशु सम्पदा
★  राजस्थान का पशुपालन मंत्री - प्रभुलाल जोशी है ।
★  पशुपालन विभाग की स्थापना - 1957 को हुई ।
★  पशुधन विकास बोर्ड की स्थापना - 1998 को हुई ।
★  पशुगणना का वर्ष अंतराल - 5 वर्ष का होता है ।
★  नवीनतम पशु गणना 19वीं है जो (2012 - 2017) तक है ।
★  विभाग -राजस्व मण्डल अजमेर
★  राजस्व मण्डल की स्थापना - 1949 को हुई ।
★  वर्तमान अध्यक्ष - अशोक शेखर है ।
★  राजस्वमंत्री - अमराराम चौधरी है ।
★  नवीनतम पशुगणना के तहत राजस्थान में कुल पशुधन 577.32 लाख
★  18वीं पशुगणना के तहत कुल पशुधन 566.63 लाख
★   भारतीय अर्थव्यवस्था में राजस्थान के पशुधन का योगदान 19% है ।
★  राजस्थान में देश का 11.2% पशुधन पाया जाता है ।
★  पशुधन की दृष्टि से देश का पहला राज्य उत्तरप्रदेश है ।
★  राजस्थान का स्थान 2वां (दूसरा)  है ।
★  राजस्थान में प्रथम स्थान - बाड़मेर जिले का है
★  राजस्थान में अंतिम स्थान - धौलपुर जिले का है ।
★  राजस्थान का पशुघनत्व 169 /वर्ग किमी है ।
★  सर्वाधिक पशुघनत्व डूंगरपुर जिले में  306 पशु /वर्गकिमी है ।
★  न्यूनतम पशुघनत्व जैसलमेर जिले में  74 पशु / वर्गकिमी है
★  मुख्यमंत्री निःशुल्क पशु दवा योजना - 15 अगस्त 2012 से प्रारम्भ की गई ।
★  इस दवा योजना में 87 प्रकार की दवाइयां मुफ्त में दी जाती थी जो दिनांक 6 मार्च 2018 से बढ़कर इनकी संख्या 110 हो गयी है




[1]  बकरी :-
                     अन्य नाम - पदोङी , धोन
                    उपनाम  -  रेगिस्तान का चलता फिरता फ्रिज
★  देश मे प्रथम राज्य राजस्थान है ।
★  राजस्थान में प्रथम जिला बाड़मेर है ।
★  राजस्थान में अंतिम जिला धौलपुर है ।
★  बकरी के मांस को चेवण कहते है ।
★  केंद्रीय बकरी प्रजनन केंद्र अविकानगर (टोंक) में है ।
★  राज्य का सबसे बड़ा बकरी फार्म बलेखर (सीकर) में है ।
★  राज्य में बकरी चारा व विकास केंद्र रामसर अजमेर में है ।
★  राजस्थान में सिरोही नस्ल के प्रजनन केंद्र रामसर ,अजमेर में है ।
Note - यह प्रजनन केंद्र स्वीटजरलैंड की सहायता से स्थापित किया गया ।
★  स्वीटजरलैंड ने इस प्रजनन केंद्र में अपने देश के दो बकरों की नस्ल एल्पाइन व टोबन बुर्ग छोड़ी जिनसे सिरोही नस्ल की बकरियों का निषेचन कर उत्तम नस्ल प्राप्त करना इनका मुख्य उद्देश्य था ।
★  बकरियों में होने वाले प्रमुख रोग 'गोट फॉक्स' है ।


प्रमुख नस्लें :-
          Trick-1 " अजब सी मार शेलो पर "
अ -  silent
ज - जमनापरी
ब - बरबरी
सी - सिरोही
मा - मारवाड़ी
शे - शेखावाटी
लो - लोही
पर - परबतसरी


Trick -2   " जमना बार बार झख मार लो पर शेखावाटी व सिरोही की नस्ल एक नही हो सकती ।"

जमना - जमनापारी
बार-बार  -  बरबरी
झख -   झखरानी
मार -  मारवाड़ी
लो  -  लोही
पर -  परबतसरी
  शेखावाटी
 
सिरोही
की नस्ल एक नही हो सकती - silent


(a) जमनापारी :-
                          क्षेत्र - हाड़ौती क्षेत्र में पाई जाती है
  ★ यह नस्ल द्विप्रयोजन वाली होती है ।

(b) बरबरी :-
                    क्षेत्र -  पूर्वी राज्य में पायी जाती है ।
 ★यह बाकरियो कि सबसे सुंदर नस्ल है ।

(c) झखरानी :-
                      क्षेत्र - अलवर जिले की ओर पायी जाती है ।
★  अन्यनाम - अलवरी है ।
★  यह बकरियो कि सर्वश्रेष्ठ नस्ल है ।
★  यह दूध में सर्वोत्तम नस्ल की बकरी है ।


(d) मारवाड़ी :-
                        क्षेत्र -  मारवाड़ क्षेत्रों में पायी जाती है ।
★  यह बकरियो कि सबसे प्राचीन नस्ल है ।
★ यह बकरियो में  सर्वाधिक रोग प्रतिरोधक क्षमता वहन करने वाली नस्ल है ।
★  घुमक्कड़ रेवड़ों में यही नस्ल सर्वाधिक मिलती है ।


(e) लोही :-
                   क्षेत्र - पाकिस्तान सीमावर्ती क्षेत्रों में मिलती है ।
★  यह बकरियो के मांस  में सर्वोत्तम नस्ल है ।



(f)  परबतसरी :-
                     क्षेत्र - नागौर जिले के पास के क्षेत्रों में
★  वरुण गाँव नागौर - यहां की बकरियां विश्वभर में प्रसिद्ध मानी जाती है ।


(g) शेखावाटी :-
                 क्षेत्र -   शेखावाटी क्षेत्र में
★  काजरी के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गयी नस्ल है ।
★  राज्य की यह बकरियो में सबसे नवीनतम नस्ल है ।
★  एक मात्र ऐसी नस्ल जिसके सिंग नही होते है ।


(h) सिरोही :-
                क्षेत्र -  गुजरात समीप क्षेत्रों में ।
★   यह नस्ल बकरियों में मांस के लिये पाली जाती है ।






NOTE (विशेष तथ्य )

★  राजस्थान राज्य में सर्वाधिक यही पशुधन पाया जाता है ।
★  राज्य को सर्वाधिक आय देने वाला पशुधन  बकरी है ।
★  19वीं पशु गणना के तहत कुल बकरियां 216.59 लाख बकरी ।
★ 18वीं पशु गणना के तहत कुल बकरियां 215.02 लाख बकरी ।
गोटी :-
                बकरी के दूध मेंं पाये जाने वाली एक विशेष प्रकार की गंध होती है ।






Comments

Popular posts from this blog

Types of Triangle त्रिभुज के प्रकार- hindi and english medium

Triangle(त्रिभुज):- परिभाषा (Definition) :-                                     तीन रेखाखण्डों से बनने वाली बन्द आकृति ,त्रिभुज कहलाता है (A polygon having three sides is called a triangle.) Diagram (चित्र):- त्रिभुज के गुण या विशेषताएँ (Qualities of triangle):- 1.त्रिभुज में तीन कोण, तीन शीर्ष, तीन भुजाएँ होती है। A triangle have three angels, three vertex, three sides. 2.त्रिभुज के तीनों अन्तः कोणों का मान 180° होता है। A triangle total have  of insides three angles 180°. 3.त्रिभुज के तीनों बाह्य कोणों का मान 360° होता है। A triangle total have of outsides all angles 360° Click here   Types of triangle त्रिभुज दो प्रकार के होते है  (Two types of triangle)- 1.भुजाओं के आधार पर(According to Sides) 2.कोणों के आधार पर(According to Angles) 1.भुजाओं के आधार पर(According to Sides)-                       ...

प्रदेश के प्रमुख नगर व उनके संस्थापक | राजस्थान के प्रमुख नगर व उनके संस्थापक |

      जिले/ प्रदेश                                संस्थापक  1. गंगानगर        -           गंगासिंह (आधुनिक भारत का भागीरथ) 2. बीकानेर        -          राव जोधा के पांचवें पुत्र राव बीका ने                                       1465 से 1488 ई. में बसाया । 3. जोधपुर     -       12 मई 1459 में राव जोधा ने बसाया । 4.  मण्डोर    -          हरिश्चंद्र प्रतिहार ने बसाया ।  5. जैसलमेर    -       12वीं शताब्दी में भाटी राजपूत जैसलसिंह ने                              बसाया ।  6.  बाड़मेर     ...