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Showing posts from September, 2019

पंचशील सिद्धान्त । पंचशील । panchshil । panchshil sidhant । पंचशील के सिद्धांत । panchshil ke sidhant ।

स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री और विदेशमंत्री   के रूप मे नेहरू ने भारत की विदेश नीति को जो वैचारिक आधार प्रदान किया, उसमें अन्तर्राष्ट्रवाद की भावना स्पष्टतः परिलक्षित होती है । असंलग्नता कि विदेश नीति , भारत की इस आकांक्षा की अभिव्यक्ति थी कि वह विश्व में सक्ति के लिए होने वाली प्रतिस्पर्धा से मुक्त रहकर , स्वतंत्रता व न्याय की स्थापना तथा शोषण की समाप्ति के लिए होने वाले संघर्ष में अपना स्वतंत्र दृष्टिकोण व्यक्त कर सके । नेहरू यह समझते थे कि एक तनाव मुक्त अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लक्ष्य की प्राप्ति तभी संभव है जब विभिन्न राष्ट्र एक दूसरे की प्रभुसत्ता और भौगोलिक अखण्डता का आदर करें तथा अपने मतभेदों। के समाधान की शांतिपूर्ण पद्धतियों पर निर्भर करें । इस उद्देश्य से नेहरू ने राष्ट्रों के लिए एक पांच सूत्रीय आचार संहिता प्रस्तावित की , जिसे 'पंचशील' का नाम दिया जाता है । विदेश नीति की आधारभूत आस्थाओं के रूप में नेहरू ने पंचशील में निम्नलिखित तत्वों को सम्मिलित किया-  (1) सभी राष्ट्र एक दूसरे की प्रादेशिक अखंडता और सम्प्रभुता का सामना करें ।  (2) कोई राज्य दूसरे र...

भारत छोड़ो आंदोलन के प्रमुख कारण । भारत छोड़ो आंदोलन के परिणाम । भारत छोड़ो आंदोलन के असफलता के कारण । Bharat chodo andolan | bharat chodo andolan ke parinaam | bharat chodo andolan ke asafalta ke pramukh karan । freedom bharat । फ्रीडम इंडिया । freedom india । quit india movement ।

भारत छोड़ो आंदोलन (quit india movement):-        जिस ढंग से क्रिप्स वार्ता भंग हुई और क्रिप्स को वापस बुलाया गया तथा इन विषय में ब्रिटिश संसद में जो वाद विवाद हुआ , उसने भारतीयों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि सम्पूर्ण क्रिया कलाप एक राजनीतिक धूर्तता मात्र थी , जिसका उद्देश्य विश्व लोकमत की आँखों में धूल झोंकना और अनुमानित असफलता के भार भारतीय जनता के ऊपर लाद देना था । ब्रिटेन के विश्वासघात के ताने बाने का भेद खुलने पर देश निराशा , किंकर्तव्यविमूढ़ता और व्यग्रता के गर्त में डूब गया । यह राष्ट्र के लिए बहुत ही असंतोष की व्यवस्था थी । इस स्थिति को बदलना आवश्यक था । श्री जवाहर लाल नेहरू ने लिखा , "जनता की निराशा को साहस और प्रतिरोध की भावना में बदल जाना आवश्यक था ।"  अतः 1942 ई. के आस पास महात्मा गांधी ने उग्रतापूर्वक इस दिशा में सोचना प्रारम्भ कर दिया । भारत छोड़ो आंदोलन उनके मस्तिष्क में जमने लगा और उन्होंने उसे हरिजन में एक लेखमाला लिखकर मुखरित किया ।  भारत छोड़ो आंदोलन की पृष्ठभूमि या कारण :-          भारत छोड़ो आंदोलन ...

राष्ट्रीय प्रतीक व राष्ट्रीय चिन्ह कमल,बरगद,तिरंगा,मोर,बाघ,हाथी,रुपया,आम,डॉल्फिन, हॉकी, जन गण मन , वन्दे मातरम ,जलेबी । राष्ट्रीय दल ,राष्ट्रीय पार्टी । National Party । National Mark/Sign | National symbols

राष्ट्रीय प्रतीक व राष्ट्रीय चिन्ह कमल, बरगद, तिरंगा, मोर, बाघ, हाथी, रुपया, आम, डॉल्फिन, हॉकी, जन गण मन , वन्दे मातरम , जलेबी ।           राष्ट्रीय प्रतीक                             राष्ट्रीय चिन्ह राष्ट्रीय वृक्ष (National Tree)                         -      बरगद (Banyan)     राष्ट्रीय फल  (National Fruit)                       -       आम (Mango)     राष्ट्रीय पक्षी (National Bird)                       -        मोर (peacock)      राष्ट्रीय पशु (National Animal)                        -     बाघ (Tiger)    रा...

विश्वसनीय व्यक्ति ही बन पाता है ब्राण्ड । अपने नाम को ब्रांड कैसे बनायें। बिज़नेस में नाम को ब्राण्ड कैसे बनाएं । बिज़नेस में अपने नाम को ही ब्रांड बनाये। ऐसी ब्रांड बनेगा आपका नाम सब देखेंगे । Confidential humans make a brand | bussiness me apne naam ko brand kese bnaye | how improve your business | how increase your business | safalta kese paaye | safalta paaye kuch asaan trikon se| safalta paaye bina kisi rukawat ke | apne aap ko bnaye ek brand

अगर आप खुद को एक ब्रांड बनाना चाहते है तो लोगों की निगाह में विश्वसनीय व्यक्ति के रूप में अपनी पहचान बनाएं।             हम देखते है कि कुछ व्यक्ति अपने जीवन में ही ब्रांड बन जाते है यानी उनका नाम जेहन में आते ही एक विशिष्ट विचार हमारे दिमाग में आते है । आपने कभी सोचा है कि कोई व्यक्ति कैसे ब्रांड बन सकता है ।  उत्तर है - जुनून , मौलिकता , प्रतिबद्धता और विश्वसनीयता । बदलाव दुनिया का स्थाई नियम है । परिस्थिति , प्रकृति , समय , विचार और व्यक्ति इस परिवर्तन के वाहक होते है । प्राकृतिक परिवर्तनों को छोड़ दिया जाए तो सभी सामाजिक परिवर्तन वैचारिक परिवर्तन से ही संभव होते है।  और यह विचार प्रारम्भिक रूप में अनिवार्य रूप से व्यक्तिगत ही होता है । इसलिए विचारों के प्रति सजगता जरूरी है ।  विचारों का ब्रांड एम्बेसडर है व्यक्ति :-                            जब कोई इंसान के मन में कोई विचार आता है तो वह विचार को अमलीजामा पहनाता है । एक से दूसरे, दूसरे से तीसरे व्यक्ति के मन ...

Private sector | प्राइवेट कम्पनी को टॉप पर पहुँचाने की टेक्निकल स्किल्स । प्राइवेट जॉब को टॉप पर पहुचाना। how improve your business| how increase your business |

डेटा को हैंडल करने की कला :-            डिजिटल बिजनेस के दौर में डेटा को हैंडल करने की कला सीखना जरूरी है। आपको डेटाबेस हैंडलिंग और क्वेरिंग के बारे में जानकारी होनी चाहिए। इसमें एसक्यूएल , डेटा विजुलाइजेशन और ऐसे टूल्स भी होते है जो डेटा को उपयोगी चार्ट्स और इनसाइट्स में कन्वर्ट कर सकते है । गणित ओर स्टेण्टिस्टिक्स में कमांड होना जरूरी है।  एडवांस स्किल्स जैसे डेटा साइन्स के लिए आर प्रोग्रामिंग , कोडिंग के लिए पाइथन व बिग डेटा के लिए हैंडूप पर फोकस करना होगा।   मशीन लर्निंग :-                          कोई भी फर्म डेटा का अपने फायदे के लिए किस तरह से इस्तेमाल कर सकती है , इसे समझना जरूरी है । इस काम में मशीन लर्निंग की स्किल उपयोगी हो सकती है । इसमें डेटा साइंस स्किल जैसे पाइथन , डेटा मॉडलिंग , वेलिडेशन  टेक्निक्स शामिल है । स्टेटिस्टिक्स और प्रोबेबिलिटी में अनुभव , लाइब्रेरी और एल्गोरिथ्म में मशीन लर्निंग का इम्प्लीमेंटशन उपयोगी साबित हो सकता है।   टेक एड...