Skip to main content

मानव ग्रंथियों के प्रकार types of human glands


मानव शरीर में ग्रंथियां :-
                मनुष्य शरीर में दो प्रकार की ग्रंथियां होती है।

[1]  बहि: स्रावी ग्रंथि :-
                           वे ग्रंथि जो नलिका युक्त होती है जिनसे एंजाइम स्रावित होते है सबसे लंबी अन्तः स्रावी ग्रंथि थायराइड ग्रंथि तथा सबसे छोटा बहि: स्रावी ग्रंथि लार ग्रंथि है और सबसे बड़ी ग्रंथि यकृत ग्रंथि है ।


[2]   अन्तः स्रावी ग्रंथि :-
                         वे ग्रंथियां जो नलिका विहीन होती है जिनसे हार्मोन्स स्रावित होते है।

●  सबसे बड़ी ग्रंथि यकृत ग्रंथि होती है (बहि: स्रावी ग्रंथि)
●  सबसे छोटी ग्रंथि पीयूष ग्रंथि होती हैं ।
●  अन्तः स्रावी ग्रंथि में बड़ी थायरॉइड ग्रंथि होती है।


अन्त: स्रावी ग्रंथियों के प्रकार :-

(1) पीयूष ग्रंथि / मास्टर ग्रंथि / हाइपोथेलेमस ग्रंथि :-
                   यह ग्रंथि मस्तिष्क में पायी जाती है इसकी आकृति मटर के दाने के समान होती है। यह सभी ग्रंथियों पर नियन्त्रण रखती है । इसलिए इसे मास्टर ग्रंथि कहते है । इस ग्रंथि से आठ प्रकार के हार्मोन्स स्रावित होते है जिनमे प्रमुख हार्मोन्स - वृदिहार्मोंस , प्रोवेस्टीन हार्मोन्स है ।
●  वृद्धि हार्मोन्स की वृद्धि से शरीर विशालकाय तथा इसकी कमी से शरीर का बौनापन प्रदर्शित होता है ।
●  प्रोलेक्टिन हार्मोन्स को दुग्धजनक हार्मोन्स कहते है।



(2)  थायराइड ग्रंथि :-
                                यह ग्रंथि गले में पायी जाती है इसकी आकृति H के समान होती है यह गुलाबी रंग में पायी जाती है इस ग्रंथि से थायरोक्सिन हार्मोन स्रावित होता है ।

●   इस हार्मोन्स की कमी से गलगंड / वाईटर / घेंघा रोग हो जाता है ।
●   इसकी कमी से जड़ मानवता रोग भी परिलक्षित होता है ।
●   थायरॉइड ग्रंथि सबसे बड़ी अन्तः स्रावी ग्रंथि है। यह शरीर की समस्त जैविक क्रियाओं पर नियंत्रण करती है।



(3)  एड्रिनल ग्रंथि / अधिवृक्क ग्रंथि :-
                                       यह ग्रंथि वृक्क के ऊपर पायी जाती है इस ग्रंथि से एड्रीनलीन हार्मोन्स स्रावित होता है । एड्रीनलीन हार्मोन्स को संकट कालीन हार्मोन्स कहते है । इस हार्मोन्स की उत्पत्ति भय , क्रोध , खुशी के कारण होती है ।
●  इस हार्मोन्स के लिए लड़ो, करो, उड़ो, कहा गया है ।


(4)  यकृत ग्रंथि :- 
                 शरीर की सबसे बड़ी बहि स्रावी ग्रंथि है यह छोटी आंत के पास पायी जाती है यह अमोनिया जैसे विषैले पदार्थ को यूरिया में बदल देती है।


(5)  अग्नाशय ग्रंथि :-
                  अग्नाश्य ग्रंथि से इन्सुलिन हार्मोन् स्रावित होता है।
●   इन्सुलिन हार्मोन्स की कमी से मधुमेह रोग हो जाता है।
●   अग्नाश्य ग्रंथि में छोटी छोटी ग्रंथिया पायी जाती है जिन्हें लेंगर हेन्स द्वीप कहते है।



(6)  जनन ग्रंथि :- 
                      मनुष्य में दो प्रकार की जनन ग्रंथि होती है।

(a) अण्डाशय ग्रंथि :-
                  यह ग्रंथि महिलाओं में पाई जाती है इस ग्रंथि से तीन प्रकार के हार्मोन्स स्रावित होते है
(अ)  प्रोजेस्टेरोन हार्मोन्स
(ब)   एस्टेस्टरोन हार्मोन्स
(स)   पैलेक्सिन हार्मोन्स

●  प्रोजेस्टेरोन हार्मोन्स के कारण अण्डाशय में भ्रूण निर्माण की प्रक्रिया पर नियंत्रण करता है।
●    वर्तमान में गर्भ निरोधक गोलियां इसी हार्मोन की बनी होती है।
●   एस्टेस्टरोन हार्मोन् के कारण अण्डाशय में भ्रूण निर्माण की प्रक्रिया शुरू होती है ।
●  पैलेक्सिन हार्मोन के कारण महिलाओं को प्रसव पीड़ा के समय दर्द कम होता है।


(b)   वर्षण ग्रंथि :-  यह ग्रंथि पुरुषों में पायी जाती है इस ग्रंथि से टेस्टोस्टेरोन लैंगिक हार्मोन स्रावित होता है।

Popular posts from this blog

Types of Triangle त्रिभुज के प्रकार- hindi and english medium

Triangle(त्रिभुज):- परिभाषा (Definition) :-                                     तीन रेखाखण्डों से बनने वाली बन्द आकृति ,त्रिभुज कहलाता है (A polygon having three sides is called a triangle.) Diagram (चित्र):- त्रिभुज के गुण या विशेषताएँ (Qualities of triangle):- 1.त्रिभुज में तीन कोण, तीन शीर्ष, तीन भुजाएँ होती है। A triangle have three angels, three vertex, three sides. 2.त्रिभुज के तीनों अन्तः कोणों का मान 180° होता है। A triangle total have  of insides three angles 180°. 3.त्रिभुज के तीनों बाह्य कोणों का मान 360° होता है। A triangle total have of outsides all angles 360° Click here   Types of triangle त्रिभुज दो प्रकार के होते है  (Two types of triangle)- 1.भुजाओं के आधार पर(According to Sides) 2.कोणों के आधार पर(According to Angles) 1.भुजाओं के आधार पर(According to Sides)-                       ...

प्रदेश के प्रमुख नगर व उनके संस्थापक | राजस्थान के प्रमुख नगर व उनके संस्थापक |

      जिले/ प्रदेश                                संस्थापक  1. गंगानगर        -           गंगासिंह (आधुनिक भारत का भागीरथ) 2. बीकानेर        -          राव जोधा के पांचवें पुत्र राव बीका ने                                       1465 से 1488 ई. में बसाया । 3. जोधपुर     -       12 मई 1459 में राव जोधा ने बसाया । 4.  मण्डोर    -          हरिश्चंद्र प्रतिहार ने बसाया ।  5. जैसलमेर    -       12वीं शताब्दी में भाटी राजपूत जैसलसिंह ने                              बसाया ।  6.  बाड़मेर     ...