What is Article 370 -
अनुच्छेद 370 को संविधान केे 21 वें अध्याय में अस्थायी , विशेष संक्रमणकालीन और अतिरिक्त विधायी प्रक्रिया के रूप मे शामिल किया गया। इसके अनुसार भारतीय संसद को जम्मू कश्मीर के बारे में रक्षा , विदेश मामले और संचार के विषय में ही कानून बनाने का अधिकार है।
आर्टिकल 370 क्या है -
जम्मू कश्मीर का भारत के साथ कैसा संबंध होगा , इसका मसौदा जम्मू कश्मीर की सरकार में ही तैयार किया था । जम्मू कश्मीर की संविधान सभा में 27 मई 1949 को कुछ बदलाव सहित आर्टिकल 360A (अब आर्टिकल 370) को स्वीकार कर लिया । फिर 17 अक्टूबर 1949 को यह भारतीय सविंधान का हिस्सा बन गया । ध्यान रहे कि सविधान को 26 Nov 1949 को अंगीकृत किया गया था । 'इंस्ट्रूमेंट्स ऑफ एक्सेशन ऑफ जम्मू & कश्मीर टू इंडिया' की शर्तों के मुताबिक आर्टिकल 370 में यह उल्लेख किया गया कि देश की संसद को जम्मू कश्मीर के लिए रक्षा , विदेश मामले और संचार के सिवा अन्य किसी विषय में कानून बनाने कक अधिकार नही होगा । साथ ही , जम्मू कश्मीर को अपना अलग संविधान बनाने की अनुमति दे दी गयी ।
इन्ही विशेष प्रावधानों के कारण भारत सरकार के बनाये कानून जम्मू कश्मीर में लागू नही होते है इतना ही नही, जम्मू कश्मीर का अपना अलग झंडा भी है । वहां सरकारी दफ्तरों में भारत के झंडे के साथ साथ जम्मू कश्मीर का झंडा भी लगा रहता है जम्मू कश्मीर के नागरिकों को दोहरी नागरिकता भी मिलती है वह भारत का नागरिक होने के साथ साथ जम्मू कश्मीर का भी नागरिक होता है । कुल मिलाकर कहें तो आर्टिकल 370 के कारण मामला एक देश में दो रिपब्लिक जैसा हो गया है।
आर्टिकल 370 के तहत जम्मू कश्मीर को मिले कुछ विशेष अधिकार -
1. जम्मू कश्मीर राज्य पर संविधान की धारा 356 लागू नहीं होती। इस कारण राष्ट्रपति के पास राज्य सरकार को बर्खास्त करने का अधिकार नही है यानी , वहां राष्ट्रपति शासन नही, बल्कि राज्यपाल शासन लगता है।
2. भारतीय संविधान की धारा 360 जिसके अंतर्गत देश में वितीय आपातकाल लगाने का प्रावधान है, वह भी जम्मू कश्मीर पर लागू नही होती।
3. जम्मू कश्मीर की विधानसभा का कार्यालय 6 वर्षों का होता है , जबकि भारत के अन्य राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।
4. संविधान में वर्णित राज्य के नीति निदेशक तत्व भी वहां लागू नहीं होते।
5. कश्मीर में अल्पसंख्यकों को आरक्षण नही मिलता ।
6. धारा 370 की वजह से कश्मीर में RTI जैसे महत्वपूर्ण कानून लागू नहीं होते है ।
7. जम्मू कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता होती है।
8. जम्मू कश्मीर का ध्वज अलग होता है।
9. भारतीय संसद को जम्मू कश्मीर के बारे में रक्षा ,विदेश मामले और संचार के विषय में कानून बनाने का अधिकार है । लेकिन किसी अन्य विषय से सम्बंधित कानून को लागू करवाने के लिए केंद्र को राज्य की सरकार से अनुमोदन करना होगा ।
10. जम्मू एंड कश्मीर में भारत के राष्ट्रीय प्रतिकों (राष्ट्रगान, राष्ट्रीय ध्वज इत्यादि) का अपमान करना अपराध की श्रेणी में नही आता है ।
11. आर्टिकल 370 के कारण ही केंद्र , राज्य पर वितीय आपातकाल (अनुच्छेद 360) जैसा कोई भी कानून नही लगा सकता है, अर्थात यदि भारत में कोई वितीय संकट आता है और भारत सरकार वितीय आपातकाल की घोषणा करती है तो इसका जम्मू & कश्मीर राज्य पर कोई फर्क नही पड़ेगा।
12. भारत के संविधान में किसी प्रकार का संशोधन जम्मू & कश्मीर पर स्वतः लागू नही होता है जब तक कि इसे राष्ट्रपति के विशेष आदेश द्वारा लागू करने की अनुमति ना दी जाये।
13. केंद्र; जम्मू & कश्मीर पर केवल दो दशाओं ; युद्ध और बाहरी आक्रमण के मामले में ही राष्ट्रीय आपातकाल लगा सकता है ।
क्या आर्टिकल 370 को हटाया जा सकता है ?
हा, आर्टिकल 370(3) राष्ट्रपति के आदेश से इसे हटाने की अनुमति देता है। हालांकि , ऐसा आदेश पहले जम्मू कश्मीर की विधनसभा से पारित होना चाहिए । ऐसे में दिक्कत यह है कि जम्मू कश्मीर की संविधान सभा 26 jan 1957 को भंग हो गयी और अब यह अस्तित्व में नही है । दूसरा नजरिया यह है कि अब जम्मू कश्मीर की विधानसभा से स्वीकृत प्रस्ताव पर भारत की संसद आर्टिकल 370 को हटा सकती है।