Sheep's in rajasthan | types of sheep's | describe of sheep's | राजस्थान में पशुसम्पदा | भेड़ की नस्लें | राजस्थान में भेड़ का वर्णन notes
SHEEP भेड़ :-
★ भेड़ पालने में देश मे प्रथम स्थान आन्ध्रप्रदेश राज्य का है ।
★ देश मे राजस्थान का स्थान 3वां या तीसरा है ।
★ राजस्थान राज्य में प्रथम जिला बाड़मेर है ।
★ राजस्थान राज्य में अंतिम स्थान धौलपुर का है ।
★ भेड़ के मांस को मटन कहते है ।
★ भेड़ व ऊन विभाग की स्थापना 1963 को हुई ।
★ भेड़ व ऊन विभाग का मुख्यालय जयपुर में है ।
★ केंद्रीय भेड़ प्रजनन केंद्र फतेहपुर ,सीकर ,राजस्थान में है ।
★ केंद्रीय भेड़ प्रजनन केंद्र की उपइकाई बाकलिया ,नागौर जिले राजस्थान राज्य में है ।
★ केंद्रीय भेड़ व ऊन अनुसंधान केंद्र अविकानगर ,टोंक जिले में है ।
★ केंद्रीय भेड़ व ऊन अनुसंधान केंद्र की उपईकाई बिच्छवाल, बीकानेर में है ।
★ भेड़ व ऊन शिक्षण संस्थान केंद्र जयपुर में है ।
★ भेड़ व ऊन प्रशिक्षण संस्थान जोधपुर में है ।
★ राजस्थान में सर्वाधिक ऊन उत्पादक जिला जोधपुर (31%) है ।
★ राजस्थान में न्यूनतम ऊन उत्पादक जिला झालावाड़ है ।
★ केंद्रीय ऊन बोर्ड की स्थापना 1987 में की गयी ।
★ केंद्रीय ऊन बोर्ड का मुख्यालय जोधपुर में है ।
★ केंद्रीय ऊन बोर्ड का वर्तमान अध्यक्ष जसवंत सिंह विशनोई है।
★ एशिया की सबसे बड़ी ऊन मंडी जिला बीकानेर, राज्य राजस्थान में है ।
★ राजस्थान में भेड़ रोग अनुसंधान प्रयोगशाला जोधपुर जिले में है।
★ राजस्थान में ऊन विश्लेषण प्रयोगशाला बीकानेर में है ।
भेड़ में होने वाला प्रमुख रोग:- फड़किया , तरविया , ब्ल्यूटन इत्यादि ।
भेड़ की प्रमुख नस्लें :-
Trick -"मामा बाग में सोना चोखो पूजे "
मा - मारवाड़ी-
मा - मालपुरी
बाग - बागड़ी
में - मगरा
सो - सोनाड़ी
ना - नाली
चो - चोगला
खो - खेरी
पू - पूगल
जे - जैसलमेरी
(i) मारवाड़ी :-
क्षेत्र - मारवाड़ी क्षेत्र में ।
★ भेड़ की यह सबसे प्राचीन नस्ल है ।
★ भेड़ की यह नस्ल संख्या में सर्वाधिक है ।
★ यह सर्वाधिक रोग प्रतिरोधक क्षमता वहन करने वाली भेड़ की नस्ल है ।
Note - घुमक्कड़ रेवड़ों में भेड़ की यही नस्ल सर्वाधिक पायी जाती है ।
(ii) मालपुरी :-
क्षेत्र - टोंक व सवाई माधोपुरी के आसपास क्षेत्र में ।
★ इस भेड़ की ऊन मोटी होती है जिससे गलीचे बनाये जाते है ।
(iii) बागड़ी :-
क्षेत्र -अलवर के आसपास के क्षेत्र में ।
★ इस भेड़ के शरीर पर छोटे छोटे काले धब्बे होते है ।
(iv) मगरा: -
क्षेत्र - बीकानेर के आसपास के क्षेत्र में ।
★ अन्यनाम सकरी , बीकानेरी चोकला भी कहते है ।
★ यह भेड़ की नस्ल भी ऊन के लिए उत्तम मानी जाती है ।
(v) सोनाड़ी :-
क्षेत्र - दक्षिण राजस्थान (बाँसवाड़ा)
★ अन्यनाम - जनोथर भी कहा जाता है ।
★ भेड़ की यह नस्ल मांस के लिए उपयुक्त नस्ल है ।
Note - इस भेड़ के कान इतने लम्बे होते है कि चरते समय जमीन को स्पर्श करते है ।
(vi) नाली :-
क्षेत्र - उत्तरी राजस्थान में।
★ इस भेड़ से प्राप्त ऊन 12-14cm लम्बी होती है ।
(vii) चोगला :-
क्षेत्र - शेखावाटी क्षेत्र में ।
★ अन्यनाम - छापर भी कहा जाता है ।
★ प्रजनन केंद्र - कोडमदेसर (बीकानेर) में है ।
★ यह भारत मे सर्वश्रेष्ठ ऊन देने वाली भेड़ की नस्ल है ।
(viii) खेरी :-
क्षेत्र - पाली के आसपास क्षेत्र में।
★ भेड़ की यह नस्ल भी मांस के लिए पाली जाती है ।
(ix) पूंगल :-
क्षेत्र - बीकानेर में ।
(x) जैसलमेरी :-
क्षेत्र - पश्चिमी राजस्थान में ।
★ सर्वाधिक ऊन देने वाली नस्ल (एक वर्ष में 4kg) है ।
★ भेड़ की यह नस्ल सबसे लंबी व चमकीली ऊन देने वाली नस्ल है ।
भेड़ की विदेशी नस्लें :-
1. डोसेट
2. रिम्बुल
3. कोरिडोल (न्यूज़लेंड )
★ भेड़ की यह नस्लें टोंक व सवाईमाधोपुर के आसपास पायी जाती है ।
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