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अपरिमेय संख्या क्या होती है। अपरिमेय संख्या किसे कहते है। what is irrational number

 अपरिमेय संख्या किसे कहते है।  what is irrational number अपरिमेय संख्या क्या होती है। अपरिमेय संख्या किसे कहते है।  what is irrational number अपरिमेय संख्या किसे कहते है :-       वे संख्याएं जिनको p/q के रूप में नही लिखा जा सकता है जहाँ p और q पूर्णांक है और q=0 (नही हो) है। अपरिमेय संख्याओ की जानकारी :- संख्या रेखा पर स्थित सभी संख्याओं का समावेश हो गया है या नही , अभी भी संख्याएं शेष है । अब हम उन संख्याओं पर चर्चा करेंगे जो परिमेय संख्याएं नही होती है उन संख्याओं को औपचारिक तौर पर अपरिमेय संख्याएँ (irrational number) कहा जाता है । यदि इसे p/q के रूप में न लिखा जा सकता हो जहां p और q पूर्णांक है और q=0 (नही हो) है । जैसा कि आप जानते है कि अपरिमित रूप से अनेक परिमेय संख्याएँ होती है । इसी प्रकार  अपरिमेय संख्या भी अपरिमित रूप से अनेक होती है जिसके कुछ उदाहरण है -               √2, √3, √5, √7, π,  0.15150015000150000....          जैसा कि आपको पता होगा कि जब कभी हम प्रतीक "√ "  का प्रयोग करते है तब हम यह मानकर चलते है कि वह संख्या का धनात्मक वर्गमूल है । अतः

U.P.S.C. । संघ लोक सेवा आयोग

U.P.S.C. (संघ लोक सेवा आयोग):-  ●  लोक सेवा आयोग का गठन 1919 के अधिनियम द्वारा किया गया था ।  ● इस अधिनियम के द्वारा ली कमीशन स्थापित किया गया ।  ● ली कमीशन की सिफारिश पर 1926 में लोक सेवा आयोग का गठन हुआ।   ●  इसका विवरण अनुच्छेद 315 से 323 तक मिलता है ।  ●  संघ लोक सेवा आयोग एक सवैधानिक संस्था है इसका गठन अनुच्छेद 315 में है ।  ●  UPSC का मुख्यालय - नई दिल्ली  ●  उपासक में सदस्य संख्या -  1+10 = 11 ●  UPSC का प्रथम अध्यक्ष -    सर् रॉस वारकर ●  UPSC का वर्तमान अध्यक्ष -  विनय मित्तल  ●  UPSC का सदस्य बनने के लिए योग्यता -    10 वर्ष का लोक सेवक का अनुभव  ●  नियुक्ति -  राष्ट्रपति द्वारा  ●  शपथ -    राष्ट्रपति द्वारा  ●  त्याग पत्र -  राष्ट्रपति को  ●  कार्यकाल -  6 वर्ष / 65 वर्ष की आयु (जो पहले हो) ●  वेतन -  अध्यक्ष को 90 हजार रूपये/माह                और सदस्य को 80 हजार रुपये/माह ●  हटाने का प्रस्ताव -  राष्ट्रपति द्वारा हटाये जा सकते है जिनकी जांच सर्वोच्य न्यायालय करेगा ।  ●  कार्य -  (1) देश के लिए लोक सेवकों की भर्ती करना ।    (2) केंद्र सरकार को पदोन्न

परिमेय संख्या किसे कहते है । परिमेय संख्या क्या होती है what is rational number।

परिमेय संख्या किसे कहते है । परिमेय संख्या क्या होती है ।         ऐसी संख्या परिमेय संख्या कहलाती है जिसे के रूप मे लिखा जा सकता हो जहां p और q पूर्णांक है तथा q=0 (नही हो) तथा  p को q से विभाजित करने पर भाग पूरा - पूरा जाता है अथवा दशमलव प्राप्त होता है। परिमेय संख्याओं में प्राकृत संख्या , पूर्ण संख्याओं और पूर्णांक संख्याओं का समावेश होता है । आइए परिमेय संख्या के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी लेते है- यहां हम प्राकृत संख्याओं की शुरुआत से परिमेय संख्या तक अध्ययन करेंगे । यहां हम इनकी पुनरावर्ती संख्या रेखा पर दर्शा सकते है जैसा कि नीचे फ़ोटो में दिखाया गया है। परिमेय संख्या की प्राप्ति -                                          जैसा कि हमने यहां देखा कि संख्या रेखा दोनों तरफ अपरिमित रूप से बढ़ती है। लेकिन यहाँ हम -1,0,0,1 इत्यादि के बीच भी संख्या पाते है।  दो परिमेय संख्या के बीच में परिमेय संख्या ज्ञात करने के लिए माध्य की अवधारणा का उपयोग कर सकते है। दो परिमेय संख्याओं के मध्य अपरिमित संख्याएं होती है । ◆   समय के साथ साथ संख्याओं का विकास हुआ। सर्वप्रथम प्राकृत

जैव प्रौद्योगिकी के प्रकार ।types of jaiv prodhyogiki। हरित जैव प्रौद्योगिकी । लाल जैव प्रौद्योगिकी । आण्विक निदान । जैव पेटेन्ट । बायोपाइरेसी

जैव प्रौद्योगिकी के प्रकार types of jaiv prodhyogiki Add caption 【1】  हरित जैव प्रौद्योगिकी (कृषि में प्रोधोगिकी कर उपयोग):- Add caption ★  आनुवांशकी रूपांतरित फसल आधारित कृषि (GMO):- ऐसे जीव जो जीन स्थानांतरण द्वारा परिवर्तित किये जाते है आनुवांशिक रूपान्तरित जीव (Gentically modified Organism, GMO) कहलाते है और जो जीन सजीव में प्रवेश करवाया जाता है । ट्रांसजीन कहलाते है।               कृषि में जैव प्रौद्योगिकी द्वारा ट्रांसजेनिक पादप का निर्माण किया जाता है, जो निम्न प्रकार है - 1.  बेसिलस थूरिनजीएंसिस :-  यह मृदा जीवाणु कीटरोधी पादप है , इनमें उपस्थित जीन द्वारा Cry प्रोटीन का निर्माण होता है, यह प्रोटीन कीटों के लिए विष का कार्य करते है और यह कीटों की आहार नाल में संक्रमण करता है जिसे Bt विष कहते हैं। Cry प्रोटीन के जीन को Ti प्लाज्मिड की सहायता से तम्बाकू  , टमाटर , कपास आदि में प्रवेश करवाकर , इन पादपों को कीटों के प्रति प्रतिरोधी बनाया जाता है । कपास में होने वाला जीन स्थानांतरण को बी. टी. कॉटन (Bt Cotton) कहते है । 2.   पीड़क प्रतिरोधी पादप :-  विभिन्न(सूत्र

Dr. B R Ambedakar | डॉ. भीमराव अम्बेडकर

14 अप्रैल बाबा साहेब जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ.... डॉ भीमराव अंबेडकर जिनके पास कपडे. नहीं थे ढकने को#तन को,,                          उन्होने ऐसा बनाया अपने #वतन को,,,, हमारे #हिन्दुस्तान में इतने आए #साहब,,,,,                       उनमें से एक थे हमारे #बाबा #साहब,,,, करना था जो कर गए,,,,, उठाकर जमीन से #मेघवसियों को ,                          #बुलन्दियों तक पहूचां गए,,,,,, ,,, नारियों का #उत्थान किया,अौर #संविधान का कर गए #निर्माण,,,,,                  जिन्होंने देश के प्रति अपना जीवन कर दिया #बलिदान,,,,,, कहते है #कलयुग का #जमाना है,,,,                    चलो #मेघवसियों अब #बाबा साहेब को #पुजवाना है,,,,, जय भीम , जय भारत लेखक-एम. के.

Rajasthan poem ।राजस्थान की कहानी । महान राजस्थान की स्टोरी । राजस्थान स्थापना दिवस का स्टेटस । हिंदी स्टेटस राजस्थान दिवस का।

#THE#LEGEND#RAJASTHAN वैसे तो#राजस्थान की स्थिति #अजीब है,,,,,                           इसलिए तो #राजस्थान की फेमस ,                                                               हर #चीज है......... #राजस्थानी में खेत में बनी लाइन को कहते है #धौरे,                          इसीलिए तो #देसी कहलाते है यहां के #छौरे...... #राजस्थान की सामग्री खाने में होते है खूब #खर्चे,                          इसीलिए #राजस्थान के विदेशों -विदेशों में होते है खूब #चर्चे........ यहाँ का हर एक #फौजी अपनी मात्रभूमि के लिए होता #शहीद है,                          फिर भी यहाँ की स्थिति बड़ी #अजीब है..... #राजस्थान में खूब #रस्ते है,                           और M.K. यहाँ पर बचपन से #बसते है......... यहाँ के लोगों में थोड़ी #ठेस है,                           क्योंकि यहाँ पाली जाती #BHESS है......... देशी -विदेशी #महमानों के लिए यहां सबके दिलों में है #स्थान,                             कुछ ऐसा ही है हमारा #राजस्थान...... #HAPPY#RAJASTHAN#DAY.....

जीवाणु जनित रोग और उपचार jivaanu janit rog aur upchaar

जीवाणु जनित रोग और उपचार हिंदी में jivaanu janit rog aur upchaar in hindi।  जीवाणु रोग क्या है ? । जीवाणु रोगों के नाम । जीवाणु जनित रोगों के लक्षण । जीवाणु जनित रोगों के उपचार।  जीवाणु जनित रोग :- जीवाणु जनित के मुख्य रोग क्षय , हैजा , टायफाइड , कुष्ठ रोग , टिटेनस । I.   क्षय (तपेदिक) :- ★  क्षय रोग के कारणों की खोज 1882 में रॉबर्ट कॉच ने की थी । ★  क्षय रोग का रोगजनक माइको बैक्टीरियम ट्यूबर कुलोसिस नामक जीवाणु है । ★  यह जीवाणु ट्यूबर कुलीन नामक विषैला पदार्थ स्रावित करता है, जो रोग उत्पन्न करने का कारण है। ★  यह रोग संक्रमित व्यक्ति के थूक , खांसी , छींक से निकली सूक्ष्मबून्दों तथा वायु की सहायता से प्रसारित होता है । ★  प्रभावित अंग - मस्तिष्क , गुर्दे , फेफड़े , आंत्र , गर्भाशय , अस्थि , यकृत आदि । ★  जांच हेतु मोंटेक्स परीक्षण करवाया जाता है । ★  T. B. में व्यक्ति भविष्य में नपुंसक भो सकता है । ★  स्ट्रेप्टो माइसिन :- एक प्रति जैविक (एन्टी बायोटिक औषधि) है जी टी. बी. रोग हेतु सर्वप्रथम विकसित की गई थी। ★  रोकथाम एवम उपचार :- क्षय रोग से बचाव हेत